सारा समय मीडिया
ऊंचाहार रायबरेली । शासन की मंशा है कि ग्रामीण अंचल से लेकर नगरीय क्षेत्रों तक सरकार की हर जनकल्याणकारी योजनाएं पहुंचे लेकिन कुछ आराम शौकीन अधिकारियों की उदासीनता सरकार की मंशा को बट्टा लगाती दिखाई दे रही है।
इसी में एक है ऊंचाहार का पशु चिकित्सा विभाग जो कि ब्लॉक मुख्यालय पर ही स्थापित है लेकिन वो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आधीन है और वो भी जब क्षेत्र में या अपने निजी काम से होते हैं तो यहां पशुपालकों को ताला ही लटकता मिलता है।
जानकारी पर पता चला कि पशु चिकित्सा विभाग के ऊंचाहार सेंटर के लिए डॉक्टर अजय बरनवाल की नियुक्ति है किंतु क्षेत्रीय पशु पालक बताते हैं कि अज्ञात कारणों से उनकी सीट अधिकांश समय खाली ही मिलती है। किसी भी विषम परिस्थिति में सेंटर पर तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही जानवरों का इलाज करता है जिससे कभी कभी जानवर मौत के घाट भी उतर जाया करते हैं और कभी कभी पशु पालकों को सेंटर पर बंद ताले का ही दर्शन करके बैरंग वापस लौटना पड़ता है।
सवाल बड़ा है कि योगी बाबा की सरकार में सरकारी मंशा को पलीता लगाने वाले ऐसे जिम्मेदारों पर कार्यवाही का चाबुक आखिर कब चलेगा?