सारा समय न्यूज नेटवर्करायबरेली। बालिका विद्या मन्दिर रायबरेली में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती के अवसर पर स्कूल की प्रार्थना सभा में ही एक संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में विद्यालय प्रधानाचार्य श्री तारकेश्वर सिंह जी सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने स्वामी महावीर के चित्र पर पुश्पांजलि अर्पित कर श्रद्धावत् नमन किया। इस अवसर पर शिक्षकों ने महावीर के जीवन से सम्बन्धित अनेक जानकारियों से स्कूल के बच्चों को अवगत कराते हुए बताया कि महावीर जयंती का पर्व जैन धर्म के लोगों के लिए बेहद खास माना जाता है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन प्रभातफेरी, शोभायात्रा आदि का आयोजन किया जाता है और भगवान महावीर का सोना और चांदी के कलश से अभिशेक भी किया जाता है। महावीर स्वामी ने मानव जाति को मोक्ष प्राप्त करने के लिए सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य जैसे पंचशील सिद्धातों का भी उल्लेख किया। उनके विचार एवं संदेश आज भी मानव जाति के लिए प्रेरक हैैं। स्कूल की छात्रा इन्द्रांशी ने भी समयानुकूल विचार प्रस्तुत कर जयंती को जीवन्त कर दिया।
अन्त में प्रधानाचार्य जी ने बच्चों के प्रति अपने सम्बोधन में बताया कि स्वामी महावीर अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे। उनका जीवन त्याग और तपस्या से ओतप्रोत था। राजपरिवार से सम्बन्धित होने के बाद भी उनका जीवन बहुत ही सादा-सरल था। उन्होंने कर्म के महत्व पर बल देते हुए कहा कि शायद गांधी जी के लिए उनका जीवन प्रेरक होने के साथ-साथ हम सब के लिए भी प्रेरणास्रोत है।