टूटे हुए खम्भे और जर्जर तार से कभी भी हो सकती है बड़ी घटना?
सारा समय मीडिया
ऊंचाहार रायबरेली। मैं कोई हनुमान नही हूं कि कंधे पर खंभा लादकर लाऊंगा और लगा दूंगा….
ये अल्फाज जेई नीरज त्रिपाठी के हैं जो एक जनप्रतिनिधि से टेलीफोन वार्ता में बयां हो रहे हैं।
रसूलपुर फीडर के जेई ने ग्रामीणों की शिकायत का संज्ञान नहीं लिया था ऐसा आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।जिसका ही परिणाम था की लगभग पांच बीघे फसल उमरन गांव में तार से चिंगारी निकलने की वजह से जलकर राख हो गई। लेकिन अब भी बिजली विभाग के ज़िम्मेदार कुंभकर्णी नींद में सोते हुए नज़र आ रहे हैं। मामला जगतपुर (अप्टा) फीडर के अन्तर्गत आने वाले गांव ऐहारी बुजुर्ग का है। जहां के ग्राम प्रधान दीपिका शुक्ला के दरवाजे पर स्थित ग्यारह हजार की लाइन का खंभा टूटा हुआ है। और तार जर्जर स्थिति में नीचे लटके हुए हैं । जिससे किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है। टूटे हुए खंभे को बदलवाने और जर्जर तार को ठीक कराने के लिए जब ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अनुज शुक्ल से जेई जगतपुर नीरज त्रिपाठी को फ़ोन कर अपनी समस्या बताई तो वो प्रधान प्रतिनिधि पर भड़क गए और बेतुका बयान देने लगे। जबकि स्थिति यह है कि अगर खंभे को समय रहते बदला नहीं गया तो किसी दिन बड़ी अप्रिय घटना हो सकती है। तानाशाह जेई नीरज त्रिपाठी को जब फोन किया गया और समस्या बताई गई और कहा गया कि अगर समय रहते नही बदला गया तो किसी दिन अप्रिय घटना हो सकती है। किसी की जान जा सकती है तब जेई नीरज त्रिपाठी ने भड़कते हुए कहा कि किसी की जान जाएगी तो बिजली विभाग ज़िम्मेदार होगा। …. तो क्या जेई साहब का बिजली विभाग अगर किसी के बेटे की जान चली गई तो लौटा कर देगा? क्या जेई नीरज त्रिपाठी गांव के जलने का इंतजार कर रहे हैं जबकि लगातार बिजली विभाग के ऐसे ही लापरवाहों की वजह से आग लगने की खबरों से अखबार भरे रहते हैं। इतनी घटनाओं के बाद भी अपने पद के मद में चूर तानाशाह जेई नीरज त्रिपाठी की आंखे नहीं खुल पा रही हैं। जेई साहब खंभा बदलवा कर लाइन सही करने के बजाए कह रहे हैं कि मेरी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है मैं कोई हनुमान नहीं हूं। जब बिजली विभाग संसाधन भेजेगा तब सही कर दिया जाएगा। अब सोचने वाली बात यह है कि क्या लापरवाह जेई नीरज त्रिपाठी अपने उच्चाधिकारियों को सूचित करना भी उचित नहीं समझते। अब देखने वाली बात होगी की खबर प्रकाशित होने के बाद बिजली विभाग के जिम्मेदारों के कानों जूं रेंगती है या फिर अपनी कुंभकर्णी नींद से एक और गांव के जलने का इंतजार करते रहेंगे। लापरवाह जेई पर क्या कार्यवाही होती हैं देखना दिलचस्प होगा। क्योंकि ऐसे लापरवाह लोगो का इतनी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी के पद पर बने रहना तनिक भी न्यायोचित नहीं होगा। जेई और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के बीच हुई वार्ता का ऑडियो भी बहुत तेजी से वायरल हो रहा है और लोग ऐसे लापरवाह जेई पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
जब प्रकरण में जेई नीरज त्रिपाठी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।