गढ्ढों में तब्दील गोकर्ण गंगा घाट की सड़क
सारा समय न्यूज नेटवर्क
ऊंचाहार -दक्षिणी वाहिनी मां गंगा तट , गोकर्ण ऋषि की तपोस्थली रहे गोकना गंगा घाट तक पहुंचना किसी बड़े जोखिम से कम नहीं है । गंगा घाट तक जाने वाला मार्ग गढ्ढों में तब्दील है , इन पर निकलने वाले डम्फरों ने मार्ग को कीचड़ में सराबोर कर दिया है , ऐसे में स्नान पर्वों पर आने वाले दर्शनाथी कैसे गंगा घाट तक पहुंचेंगे , ये यक्ष प्रश्न है ।
सूची खरौली मार्ग से जुगराजपुर गांव से लेकर गोकना गंगा घाट तक करीब तीन किमी मार्ग बहुत बदहाल है । इस मार्ग की मरम्मत के नाम केवल खानापूरी होती रही है । जिसके कारण पूरा मार्ग गढ्ढों में तब्दील हो चुकी है । इधर इस मार्ग से डंफर निकल रहे हैं । जिन्होंने बदहाल मार्ग को और बदतर कर दिया है । अब इस मार्ग पर केवल खतरनाक गड्ढे और चिकनी मिट्टी का कीचड़ भरा हुआ है । जिस पर सफर करना बड़ा दुश्वारियों भरा है । इस बीच 23 और 24 फरवरी को माघी पूर्णिमा का दो दिवसीय मेला गोकना गंगा घाट पर होना हैं। इस मेले में आने वाले स्नानार्थियों के लिए यह रास्ता गंगा घाट तक पहुंचने में रोड़ा बना हुआ है । जिम्मेदार इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे है। महत्वपूर्ण स्नान पर्वों पर यह सड़क वाहनों से भर जाती है , पहले भी इस मार्ग पर जाम की समस्या बन जाती थी , किंतु अब कीचड़ भर जाने के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बलवती हो गई है ।
लिखित शिकायत के बाद भी आमजन की समस्या को नहीं सुनते अधिकारी
गोकना गंगा घाट के वरिष्ठ पुरोहित और मां गंगा गोकर्ण समिति के महासचिव जितेंद्र द्विवेदी बताते हैं कि उन्होंने इस मार्ग की मरम्मत और स्नानार्थियों को सुगम सफर हेतु कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दिया । प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर भी सड़क की बदहाली की बात रखी है , किंतु इस मार्ग की दशा सुधारने की कोई कोशिश नहीं हो पा रही है । जिससे स्नानार्थियों के सामने भारी परेशानी है । हर माह में अमावस्या और पूर्णिमा के दिन गंगा घाट पर हजारों लोग इसी रास्ते से आवागमन करते हैं किंतु धार्मिक महत्व के इस मार्ग की मरम्मत नहीं हो पा रही है ।