रामलीला महोत्सव मंचन के चौथे दिन अहिल्या उद्धार, गंगा अवतरण व नगर दर्शन का हुआ मंचन

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सलोन।सलोन कस्बे में चल रहे रामलीला महोत्सव मंचन के चौथे दिन अहिल्या उद्धार, गंगा अवतरण व नगर दर्शन के मंचन की लीला खेली गई।मुनि विश्वामित्र सौवां यज्ञ पूर्ण करना चाहते हैं, तभी राक्षस आकर यज्ञ विध्वंस कर देते हैं।राम जन्म के बाद राजा दशरथ के चारों पुत्रों की शिक्षा-दीक्षा हुई, तभी मुनि विश्वामित्र का आगमन हुआ।उन्होंने राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को मांगते हुए कहा कि जब वह यज्ञ करते हैं, तो राक्षस उसमें विघ्न डालते हैं और यज्ञ पूरा नही करने देते। अत: राक्षसों के वध के लिए राम-लक्ष्मण को हमारे साथ वन में भेजिए। पहले तो महाराज राजा दशरथ ने राम-लक्ष्मण को वन भेजने से मना कर दिया, परंतु गुरु वशिष्ठ के समझाने पर वे तैयार हो जाते हैं।जिसके बाद वन में जाकर प्रभु श्री राम वा उनके अनुज भाई  लक्ष्मण ने ताड़का, सुबाहु नामक राक्षसों का वध कर मानव जाति की रक्षा की।वन में जब भगवान श्रीराम, मुनि विश्वामित्र के साथ गंगा किनारे पहुंचे तो वहां उन्होंने पत्थर बनी अहिल्या को देखा।जिस पर मुनि विश्वामित्र अहिल्या के पत्थर बन जाने की कथा से अवगत कराया। गुरु की आज्ञा से भगवान श्रीराम ने अपने पैर से उस शिला को स्पर्श किया, तब अहिल्या नारी के रूप में प्रकट हुईं और उन्होंने भगवान श्रीराम के प्रति अपना आभार प्रकट किया। इस मौके पर दूर दराज के हजारो लोग कार्यक्रम का आन्नद लेते रहे।इस मौके पर रामलीला दुर्गापूजा कमेटी के अध्यक्ष बिपिन कौशल, संरक्षक मुरारीलाल साहू, सुभाष जायसवाल, अतुल कौशल, सन्देश अग्रहरि, सार्थक रस्तोगी समेत आदि कमेटी व दर्शक उपस्थित रहे।वही क्षेत्र स्थित रेवली ग्राम सभा में भी 22 सितंबर से रामलीला का मंचन शुरू है। बुधवार कि रात सीता जन्म राम जन्म नामकरण कि लीलाओं का सुंदर मंचन हुआ। राजा दशरथ पुत्र न होने से व्याकुल हो गए तो कुल गुरु द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ कराया गया। राजा दशरथ के चार पुत्र उत्पन्न होते हैं। कुल गुरु द्वारा चारों पुत्रों का नाम करण किया जाता है। लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न कि बाल लीलाओं से अयोध्या वासी खुशियां मना रहे थे। वहीं सीता जन्म कि लीलाओं को प्रमुखता से दिखाया गया। देर रात तक ताडिका वथ तक का मंचन हुआ। इस मौके पर ग्राम प्रधान राजकुमार अग्रहरि, बरेली सेठ, पवन यादव, तेजभान पंडा, आदित्य श्रीवास्तव, रामनरेश यादव, जुग्गी लाल साहू, श्रवण यादव, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, राजू विश्वकर्मा, सोनू वर्मा, दद्दू पंडा, कल्लू मौर्या जियालाल प्रजापति, सहित समस्त कलाकार मौजूद रहे।

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