रायबरेली । न्यू स्टैण्डर्ड बालिका विद्या मन्दिर रायबरेली में सुभाश हाउस के सौजन्य से विश्व हिन्दी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के हिन्दी शिक्षक रमाशंकर पाठक ने बच्चों को हिन्दी भाशा के गौरवशाली इतिहास की जानकारी देते हुए इसे जनमानस की भाशा बताया। उन्होंने कहा कि अपने देश में 14 सितम्बर 1949 में हिन्दी भाशा को राजभाशा का दर्जा मिला। लेकिन 10 जनवरी 1975 में जब नागपुर में विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया गया तो देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी की तारीख को ही विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु विश्व हिन्दी दिवस मनाये जाने का ऐलान किया। इसीलिए 10 जनवरी को प्रतिवर्श विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी भाशा हमारे देश की संस्कृति एवं संस्कार की प्रतिबिम्ब होने के साथ ही देश की एकता का प्रतीक है। स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि – ’हमें अपनी मातृभाशा हिन्दी और अपने देश हिन्दुस्तान पर गर्व है।’ विश्व हिन्दी दिवस मनाने का मकसद दुनिया के दूसरे देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधना भी है। हिन्दी भाशा के सम्मान में स्कूल के बच्चों के विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ ही काव्य पाठ भी किया गया।
विश्व हिन्दी दिवस के कार्यक्रम में बच्चों के प्रति अपने सम्बोधन में विद्यालय प्रधानाचार्य श्री तारकेश्वर सिंह जी ने कहा कि हमें दूसरी भाशाओं का ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ ही अपनी मातृभाशा हिन्दी को अग्रिम पंक्ति में रखना चाहिए। हिन्दी भाशा हमारे देश की पहचान है। विश्व हिन्दी दिवस का उद्देश्य हिन्दी को प्रचारित और प्रसारित करना है। हिन्दी दुनिया भर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली पांच भाशाओं में से एक है। यह करोड़ों भारतीयों के संपर्क और आपसी संवाद की भाशा है।
इस अवसर पर सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।