ऊंचाहार। नव वर्ष एवं वासंतीय नवरात्रि स्थापना दिवस के पावन अवसर पर महर्षि गोकर्ण ऋषि की तपोस्थली गोकना घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर कल्याण की कामना की। समिति द्वारा गंगामहा आरती एवम् दीपदान किया गया।घाट पर भोर से ही स्नानार्थियों के स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। हर हर गंगे, जय मां शेरा वाली के नारों व घन्टा घड़ियाल की ध्वनि से घाट गुंजायमान रहे। ऐतिहासिक गोकना घाट पर स्नान के लिए क्षेत्र केअलावा अमेठी सुल्तानपुर प्रतापगढ़ जिले से स्नानार्थियों ने गंगा स्नान कर मंदिरों में जलाभिषेक किया और नवरात्र पर मां दुर्गा की कलश स्थापना के लिए जल भरा। भक्तों ने घाट पर लगे मेले में नवरात्र पूजन के लिए नारियल ,चुनरी,कलश और अन्य सजावट की सामग्री की जमकर खरीदारी की।
मां गंगा गोकर्ण जनकल्याण सेवा समिति के सचिव व पुरोहित पं. जितेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि आज के दिन सृष्टि के लिए विशेष महत्व है। आज ही के दिन भगवान ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना प्रारंभ की, आज ही के दिन चारों वेद प्रारंभ हुई, तथा प्रभु श्री राम और महाराज युधिष्ठिर जी का राज्याभिषेक दिवस भी हैऔर आज ही के दिन मां दुर्गा जी ने अपने प्रथम शैलपुत्री के रूप में राक्षसों का संघार करने के लिए प्रकट हुई , आज ही के दिन संवत्सर प्रारंभ हुआ। आज से पन्द्रह दिवसीय व्रत गंगा स्नान मेला प्रारंभ हो गया।इससे पूर्व समिति द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया । मंदिरों के साथ घाटों की सफाई की गई। गंगा का जलस्तर लगभग तीन फुट सेअधिक वृद्धि होने के कारण समिति की ओर से गहरे जल में स्नान न करने व अपने सामान की सुरक्षा करने की अपील इस दौरान की गई। इस अवसर पर क्षेत्र के गोला घाट, पूरे तीर, बहादुर गंज के घाटों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान-दान कर पुण्य व मोक्ष की कामना की।