एनटीपीसी ऊंचाहार के जीवन ज्योति चिकित्सालय के सौजन्य से आयुर्वेद पर आधारित एक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस व्याख्यानमाला का विषय था- ‘जीवनशैली रोगों का आयुर्वेदिक पद्धति कैसे निदान किया जाए?’ इस व्याख्यानमाला में अतिथि प्रवक्ता के रूप में विशिष्ट आयुर्वेदाचार्य एवं योग ट्रेनर डॉ. रवि प्रताप सिंह ने सामान्य जीवन को स्वस्थ रखने एवं खानपान और दिनचर्या को संतुलित बनाए रखने में वनस्पति, मोटे अनाज, अनेक तरह के प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के प्रयोग के महत्व को समझाते हुए उसे दिनचर्या में समाहित करने की अपील करते हुए आहार-विहार को लेकर कईं टिप्स और उपायों की चर्चा की। डॉ. सिंह ने कहा कि आयुर्वेद एवं उसके सिद्धांत सबसे प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति के रूप में जाने जाते हैं, जिसे हमारे ऋषियों-तपस्वियों ने लगातार अन्वेषण करने के बाद उसको चिकित्सीय व वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध किया है। डॉ. सिंह ने योग वेदांतम् का मर्म समझाते हुए आयुर्वेद से आरोग्य, प्रकृति से ऊर्जा एवं योग से अध्यात्म का विवेचन करते हुए कहा कि प्राणायाम एवं ध्यान-योग तथा खानपान का उचित प्रयोग करके जीवन को संतुलित-संयमित और स्वस्थ रख सकते हैं।
समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) आलोक कुमार त्रिपाठी ने कहा कि एनटीपीसी अपने कर्मचारियों के लिए समय-समय पर ऐसे आयोजन करती है ताकि कर्मचारी और उनके परिवार इनसे प्रेरित और लाभान्वित हों और अपने आपको स्वस्थ तथा भरपूर ऊर्जा से ओतप्रोत रखें। इसके पूर्व आयुर्वेदाचार्य डॉ. रवि प्रताप सिंह, परियोजना प्रभारी श्री त्रिपाठी, अन्य महाप्रबंधकगण के डी यादव, डॉ. अनिल कुमार डैंग, राजेश कुमार, विभागाध्यक्ष तथा यूनियन व एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर परियोजना प्रभारी के द्वारा डॉ. रवि प्रताप सिंह का अभिनंदन किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मधु सिंह ने कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला तथा सभी का स्वागत किया। डॉ. सोमकुवंर ने आभार व्यक्त किया एवं डॉ. वेद प्रकाश सिन्हा ने कार्यक्रम का संचालन किया। व्याख्यानमाला के अंत में प्रतिभागियों ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से संबंधित कईं सवाल आयुर्वेदाचार्य से पूछे जिसका उन्होंने समाधान करके उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया।